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सिंधु घाटी सभ्यता -Indus valley Civilization

सिंधु घाटी सभ्यता (Indus valley Civilization) – इस लेख में सिंधु घाटी सभ्यता के महत्वपूर्ण तथ्यों पर ध्यान दिया गया हैं जो SSC CGL / CHSL और Banking, UPSC, IAS, और अन्य राज्यों के PCS जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं के दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण है। हाल ही में हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश के सात सिंधुघाटी स्थलों की खुदाई की गई। वहां के चीनीमिट्टी के वर्तनो में मवेशियों तथा भैंस के मांस सहित पशु उत्पादों के अवयव पाए गए हैं।

सिंधु घाटी सभ्यता -Indus valley civilization

सिंधु घाटी सभ्यता का परिचय (Introduction to Indus Valley Civilization)

● भारतीय इतिहास का प्रारम्भ सिंधु घाटी सभ्यता से माना जाता है ।यह सभ्यता लगभग 2500 ईसवी पूर्व भारत ,पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान के क्षेत्रो में फैली थी।

● हाल ही में भारत के हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश के सात सिंधुघाटी स्थलों की खुदाई की गई। जहाँ बड़ी संख्या में हड्डियां तथा चीनीमिट्टी के वर्तनो में मवेशियों तथा भैंस के मांस सहित पशु उत्पादों के अवयव पाए गए हैं। इसप्रकार सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों के मांसाहारी होने के साक्ष्य पुष्ट हुए हैं।

सिंधु घाटी सभ्यता का विस्तार (Expansion of Indus Valley Civilization)

  • पूर्वी पश्चिमी विस्तार – यह सभ्यता पश्चिम में सुत्कांगेदोर से पूर्व में आलमगीरपुर (उत्तर प्रदेश ) तक विस्तारित थी
  • उत्तरी दक्षिणी विस्तार – यह सभ्यता चिनाब नदी के किनारे मांडा से दक्षिण में भगतराव तक विस्तारित है। यद्यपि कुछ इतिहासकार सबसे दक्षिणी क्षेत्र के रूप मे दैमाबाद को मानते हैं।

सिंधु घाटी सभ्यता का समय (Time of Indus Valley Civilization)

3300 ई॰पू॰ से 1700 ई॰पू॰ तक, परिपक्व काल: 2550 ई॰पू॰ से 1750 ई॰पू। परन्तु ब्रिटेन स्थित नेचर पत्रिका में प्रकाशित शोध के अनुसार यह सभ्यता कम से कम 8000 वर्ष पुरानी है।

सिंधु घाटी सभ्यता की खोज (Discovery of Indus Valley Civilization)

  • इस सभ्यता की खोज 1921 में जॉन मार्शल के नेतृत्व में दयाराम साहनी तथा माधवस्वरूप वत्स ने की थी।
  • सिधु घाटी सभ्यता के कुछ महत्वपूर्ण स्थल और उनकी पुरातात्विक प्राप्तिया :

● सिन्धु घाटी सभ्यता के लगभग 1100 केन्द्रों में से 924 केन्द्र भारत में है। इसके कुछ महत्वपूर्ण स्थल निम्न हैं।

● हड़प्पा (रावी नदी के तट पर ) – यह पाकिस्तान में अवस्थित है। यहाँ विशाल चबूतरों वाले छह अन्नागारों की 2 कतारें , लिंग और योनि के पाषाण प्रतीक , मातृदेवी की मूर्ति , लकड़ी की ओखली में गेहूं और जौ , पासा , ताम्र तुला और दर्पण पाए गए हैं । इसके अतिरिक्त यहाँ कांस्य धातु की बनी हिरण का पीछा करते हुए कुत्ते की मूर्ति और लाल बालुआ पत्थर से बना पुरुष धड़ भी पाया गया है।

● मोहनजोदड़ो (सिंधु नदी के तट पर ) :-यह भी पाकिस्तान में अवस्थित है। यहाँ वृहत् स्नानागार , शवाधान , दाढ़ी वाले पुजारी की मूर्ति , नर्तकी की प्रसिद्ध कास्य मूर्ति और पशुपति मोहर पाई गई है।

● स्टुवर्ट पिग्गाट ने हड़प्पा तथा मोहेंजोदड़ो को एक विस्तृत साम्राज्य की दो राजधानिया कहा है।

● धौलावीरा – यह भारत के गुजरात में स्थित है। यहाँ विशाल पानी के कुंड अद्वितीय जलदोहन प्रणाली , स्टेडियम , बाध और तटबध , विज्ञापन पट्टिका की भांति 10 बड़े आकार के संकेताक्षरों वाला अभिलेख पाया गया है। यह सबसे नवीनतम खोजा गया IVC शहर है । हाल ही में भारत सरकार ने इसे यूनेस्को में विश्व धरोहर स्थल में सम्मिलित करने का प्रस्ताव भेजा है।

● लोथल – गुजरात में स्थित यह नगर सिंधु सभ्यता के मैनचेस्टर के रूप में जाना जाता है। यह समुद्री व्यापार का महत्वपूर्ण स्थल था। यहाँ , गोदीवाड़ा , ( जहाज बनाने का स्थान ) , धान की भूसी , अग्नि वेदिकाए , चित्रित मृाण्ड , आधुनिक शतरंज , घोड़े और जहाज की टेराकोटा आकृति , कोण मापने वाले उपकरण इत्यादि प्राप्त हुए हैं ।

● राखीगढ़ी :- यह हरियाणा में स्थित है। यहां अन्नागार , कब्रिस्तान , नालियां , टेराकोटा की ईंटे मिली हैं । इसे हड़प्पा सभ्यता की प्रातीय राजधानी कहा जाता है । .

● रोपड – पंजाब में सतलज नदी के तट पर स्थित है । यहां अंडाकार गड्ढे में मानव शव के साथ दफन कुत्ता तथा तांबे की कुल्हाड़ी के साक्ष्य मिले हैं । यह स्वातंत्रयोत्तर खोजा गया पहला हड़प्पा स्थल है ।

● बालाथल और कालीबंगा – यह भारत के राजस्थान में स्थित है। यहाँ चूड़ी कारखाना , खिलौने , ऊंट की हड्डियां , अलंकृत ईटें , तथा अग्नि वेदिकाएं पाई गईं हैं ।

● सुरकोटदा – गुजरात अवस्थित इस नगर में घोड़े की हड्डियों का पहला वास्तविक अवशेष पाया गया है ।

● हरियाणा में बनवाली – यह सरस्वती नदी के तट पर अवस्थित था। यहाँ खिलौना हल , जौ , लाजवर्द , अग्नि वेदिया , अंडाकार आकार की बस्ती पाई गई है। यह अरीय गलियों वाला एकमात्र हड़प्पाई नगर है ।

● आलमगीरपुर – यमुना के तट पर स्थित यह नगर आधुनिक उत्तर प्रदेश का मेरठ क्षेत्र है। यह सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे पूर्वी स्थल है । यहाँ तांबे के बने हुए टूटे फलक , मिट्टी की बनी वस्तुएं पाईं गईं हैं।

● चनहुदड़ो :- यह बिना गढ़ बाला अकेला सिंध शहर । यह वर्तमान में पाकिस्तान में स्थित है । यहाँ लिपस्टिक का उपयोग पाया गया है ।

● कोट दीजी :- यह वर्तमान पाकिस्तान में स्थित है। यहाँ से टार , बैल और मां देवी की मूर्तियां खुदाई में पाई गई हैं ।

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